मोबाइल मैनर्स Mobile Mennars

हमारी दौड़ती-भागती जिंदगी को मोबाइल फोन ने और तेज बना दिया है। असल में मोबाइल हमारी जिंदगी का हिस्सा नहीं रहा बल्कि हमारी जिंदगी ही बन गया है,लेकिन शायद लोग कभी-कभी यह भूल जाते हैं कि मोबाइल मेनर्स नाम की भी कोई चीज होती है


कई बार अपने सुविधा के लिए अपने आसपास के लोगों को परेशानी में डाल देते हैं। बस स्टॉप, सिनेमाघर, ऑफिस और कई बार तो अंतिम संस्कारजैसे संवेदनशील और गमगीन माहौल में भी कई लोग मोबाइलफोन पर बात करने से परहेज नहीं करते। मोबाइल पर बातें भी तेज आवाज में करतेहैं। ऐसा करने सेआसपास वालोंकी परेशानी को नजरअंदाज कर बैठते हैं। लेकिन कभी-कभी इस आदत के कारण किसी मुसीबतमें भी पड़ सकते हैं, क्योंकि कई बार सार्वजनिक स्थान पर बातें करते समय हमभूल से ऐसी बातें बोल जाते हैं जो सार्वजनिक स्थानों पर शायद नहीं बोलनी चाहिए।


अस्पतालों, ऑफिस जैसी जगह पर मोबाइल वाइब्रेशन पर रखें। अस्पताल या कार्यस्थल में अगर अपने मोबाइल को बंद नहीं कर सकते तो साईलेंट यावाइब्रेशन मोड पर रखें।


आप अस्पताल के आईसीयू वार्ड में बैठे हों और आपकी मोबाइल पर रिंगटोन से आसपास के लोगों को परेशान हो सकती है।
अगर कोई जरूरी फोन हो जिसे टाला नहीं जा सकता तो ऐसी स्थिति में उस स्थान से बाहर आकर बातचीत करें। मोबाइल पर चिल्ला-चिल्ला कर बातें न करें। कुछ लोगोंको आदत होती है कि वे फोन आते ही जोर जोर से बोलने लगते हैं, जिससे आसपास को लोग परेशान होते हैं



सार्वजनिक स्थानों पर बातचीत करते समय आवाज धीमी ही रखें। याद रखें मोबाइल फोन के माइक्रोफोन (माइक) अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी वाले होते हैं। वे धीमी से धीमी आवाज को भी सुनने वालेतक पहुंचा देतेहैं,इसलिए अपनी आवाज उतनी ही रखें जितना आपसे बात करने वाला आसानी सुन सके।
यदि आपको लगे कि सामने वालेव्यक्ति को आवाज सुनाई नहीं दे रही तो फोन के आसपास अपने हाथों से घेरा बना लें। कुछ जगहें या ऐसी होती हैं जहां मोबाइल का स्वीच ऑफ रखें तो ही बेहतर होता है। जैसे थिएटर, स्टेजशो, शोकसभा, भाषण, स्कूल, कॉलेज, नाट्य मंचन आदि।



दोस्तों के बीच बैठकर मोबाइल का प्रयोग न करें। यदि जरूरी कॉल आने पर तो थोड़ी दूर चले जाएं। महत्वपूर्ण कॉल न हो तो उसेअनदेखा कर सकते हैं या एसएमएस टेम्पलेट का उपयोग कर ऐसे कॉल करने वाले लोगोंको संदेश भेज सकते हैं कि आप अभी व्यस्त हैं, बाद मेंकॉल करेंगे 



 धार्मिक स्थलों पर रखें ध्यान :
शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो आपकी मनपसंद रिंगटोन को सुनने में रुचि रखता होगा। इसलिए बेहतर होगा धार्मिक स्थानोंपरआप मोबाइल फोन को साइलेंट रखे



गाड़ी चलाते समय न करें मोबाइल पर बात :अक्सर देखा जाता है कि लोग ड्राइव करतेवक्त मोबाइल पर बात करते हैं। बाइक या कार चलाते वक्त मोबाइल पर बात करना खतरनाक हो सकता है। ड्राइविंग करते समय मोबाइलपर बात करने से कई बार रोड पर ध्यान हटने से बडी दुर्घटनाएं घट जाती हैं।
गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात न करें। अगर जरूरी हो तो गाड़ी को सड़क के एक ओर रुककर मोबाइल पर बात करें।



 ये हैं मोबाइल मेनर्स जिनका हम अपनी दिनचर्या में पालन कर एक अच्छे नागरिक होने का परिचय दे सकते हैं।





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