जीवन में सफलता चाहिए तो सोने का तरीका बदलें

ऑफिस में ढेर सारे काम के बाद रात में देर तक काम के बाद घर जाकर घंटों तक टीवी देखने या कंप्यूटर पर लगे रहने की आदत, कभी नींद ही नहीं आती है और कभी वीकेंड पर देर तक सोते ही रह जातें हैं। नींद का आपके रुटीन के साथ जहां बैलेंस गड़बड़ाया, वहीं आपकी सेहत, सफलता और विकास पर ब्रेक लग गया।
नींद से जुड़ी आपकी गलत आदते आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक तो हैं ही, साथ ही आपकी पर्सेनालिटी और कार्यक्षमता पर भी इनका गलत असर पड़ता है। मनोचिकित्सक डॉ. समीर पारिख से बातचीत के आधार पर जानिए कि किस तरह आप अपनी नींद को संतुलित कर कार्यक्षेत्र में बेहतर परफॉर्मेंस दे सकते हैं।
कितने घंटे जरूरी है नींद
सामान्य व्यक्ति के लिए कितने घंटे की नींद जरूरी है इस पर कई तरह के शोध हो चुके हैं। चूंकि अलग-अलग व्यक्ति की नींद की जरूरतें कम या ज्यादा हो सकती हैं इसलिए कम से कम 6 घंटे और ज्यादा से ज्यादा 9 घंटे तक की नींद सही मानी जाती है।
सोने का तरीका भी समझें
सेहतमंद जीवन के लिए सिर्फ भरपूर नींद ही जरूरी नहीं है बल्कि आपके सोने का पैटर्न क्या है, इसका भी महत्व है। यानी आप रोज रात में कितने बजे सोते हैं और सुबह कितने बजे उठते हैं, इसका प्रभाव भी आपकी सेहत और काम करने की क्षमता पर पड़ता है।
कुछ लोग हफ्ते भर कम सोते हैं लेकिन वीकेंड पर देर तक सोते हैं। सोने का यह तरीका सेहत के लिए नुकसानदायक है। सोने के मामले में रुटीन पर बने रहना बेहज दरूरी है।
हो सकती हैं ये समस्याएं
नींद कम लेते हैं या फिर जरूरत से ज्यादा, नींद का बैलेंस गड़बड़ाया तो इसके कई नुकसान हो सकते हैं। कम नींद लेने से अक्सर लोगों का ध्यान किसी एक जगह नहीं टिक पाता है जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
वहीं आवश्यकता से अधिक नींद से बेचैनी, सिरदर्द, आलस शरीर में घर कर जाता है जो आपके काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
इन आदतों को बदलें
नींद का टाइमटेबल सही रहे और आपकी कार्यक्षमता पर इसका गलत असर न पड़े इसके लिए जरूरी है कि आप अपने रुटीन में इन सावधानियों को तरजीह दें।
- सोने और टीवी देखने के बीच में 45 मिनट का गैप रखें।
- बहुत देर तक टीवी देखने या कंप्यूटर पर काम करने की आदत पर नियंत्रण करें।
- सोने से पहले किताब पढ़ने या संगीत सुनने की आदत डालें।
- चाय-कॉफी का सेवन कम करें।
- एल्कोहल से दूरी रखें।
- सोने से पहले बैलेंस डाइट लें।
आपकी जीवनशैली में ये बदलाव यकीनन आपकी नींद संतुलन ठीक रखेंगे और आपको कार्यक्षेत्र में सफल बनाने में मदद करेंगे।
नींद से जुड़ी आपकी गलत आदते आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक तो हैं ही, साथ ही आपकी पर्सेनालिटी और कार्यक्षमता पर भी इनका गलत असर पड़ता है। मनोचिकित्सक डॉ. समीर पारिख से बातचीत के आधार पर जानिए कि किस तरह आप अपनी नींद को संतुलित कर कार्यक्षेत्र में बेहतर परफॉर्मेंस दे सकते हैं।
कितने घंटे जरूरी है नींद
सामान्य व्यक्ति के लिए कितने घंटे की नींद जरूरी है इस पर कई तरह के शोध हो चुके हैं। चूंकि अलग-अलग व्यक्ति की नींद की जरूरतें कम या ज्यादा हो सकती हैं इसलिए कम से कम 6 घंटे और ज्यादा से ज्यादा 9 घंटे तक की नींद सही मानी जाती है।
सोने का तरीका भी समझें
सेहतमंद जीवन के लिए सिर्फ भरपूर नींद ही जरूरी नहीं है बल्कि आपके सोने का पैटर्न क्या है, इसका भी महत्व है। यानी आप रोज रात में कितने बजे सोते हैं और सुबह कितने बजे उठते हैं, इसका प्रभाव भी आपकी सेहत और काम करने की क्षमता पर पड़ता है।
कुछ लोग हफ्ते भर कम सोते हैं लेकिन वीकेंड पर देर तक सोते हैं। सोने का यह तरीका सेहत के लिए नुकसानदायक है। सोने के मामले में रुटीन पर बने रहना बेहज दरूरी है।
हो सकती हैं ये समस्याएं
नींद कम लेते हैं या फिर जरूरत से ज्यादा, नींद का बैलेंस गड़बड़ाया तो इसके कई नुकसान हो सकते हैं। कम नींद लेने से अक्सर लोगों का ध्यान किसी एक जगह नहीं टिक पाता है जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
वहीं आवश्यकता से अधिक नींद से बेचैनी, सिरदर्द, आलस शरीर में घर कर जाता है जो आपके काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
इन आदतों को बदलें
नींद का टाइमटेबल सही रहे और आपकी कार्यक्षमता पर इसका गलत असर न पड़े इसके लिए जरूरी है कि आप अपने रुटीन में इन सावधानियों को तरजीह दें।
- सोने और टीवी देखने के बीच में 45 मिनट का गैप रखें।
- बहुत देर तक टीवी देखने या कंप्यूटर पर काम करने की आदत पर नियंत्रण करें।
- सोने से पहले किताब पढ़ने या संगीत सुनने की आदत डालें।
- चाय-कॉफी का सेवन कम करें।
- एल्कोहल से दूरी रखें।
- सोने से पहले बैलेंस डाइट लें।
आपकी जीवनशैली में ये बदलाव यकीनन आपकी नींद संतुलन ठीक रखेंगे और आपको कार्यक्षेत्र में सफल बनाने में मदद करेंगे।
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