अपना अपना परिचय -- Hindi Short Story, लघु कथा, कहानी
(1) 'मैं अपना काम ठीक-ठाक करुंगा और उसका पूरा-पूरा फल पाऊंगा!' यह एक ने कहा।
(2) 'मैं अपना काम ठीक-ठाक करुंगा और निश्चय ही भगवान उसका पूरा फल मुझे देंगे!' यह दूसरे ने कहा।
(3) 'मैं अपना काम ठीक करुंगा। फल के बारे में सोचना मेरा काम नहीं।' यह तीसरे ने कहा।
(4) 'मैं काम-काज और फल, दोनों के झमेले में नहीं पड़ता। जो होता है, सब ठीक है। जो होगा सब ठीक होगा।' यह चौथे ने कहा।
.उपर आसमान सबकी सुन रहा था। उसने कहा, 'पहला गृहस्थ है, दूसरा भक्त है, तीसरा ज्ञानी है, पर चौथा परमहंस है या आलसी यह मैं कह नहीं सकता!'
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