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Showing posts from November, 2014

कैरियर बनाने के दस आसान तरिके

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वैसे तो  करियर  निर्माण की कई राहें हैं, लेकिन मनचाहे क्षेत्र में  करियर निर्माण  की राह तलाश करना इतना आसान नहीं है। आज के बदलते परिवेश में अच्छा करियर हासिल करने के लिए कई क्षेत्रों में पारंगत होना पड़ता है और अपनी योग्यताओं को लगातार विकसित करना होता है। आज मेहनत या पसीना बहाने वालों को ही बेहतर काम नहीं मिलता। करियर की दौड़ में कछुआ चाल कामयाबी की गारंटी हरगिज़ नहीं हो सकती है। आज तेज-तर्रार खरगोश ही सफलता का पर्याय माना जाता है। करियर बनाने के इन दस टिप्स से आप सफलता हासिल कर सकते हैं। खुद में एक्सिलेंस लाए मौजूदा परिस्थिति में किताबी कीड़ा बनकर या डिग्रियों का ढेर लगाकर सफलता की कामना नहीं की जा सकती है। अपने अंदर झांककर अपनी प्रतिभा को टटोलें कि किन क्षेत्रों में आप अपनी दक्षता को विकसित कर बाजी मार सकते हैं। जो क्षेत्र आपको सर्वाधिक उपयुक्त लगे, उसमें विशेषज्ञों की सलाह लेकर अपना कौशल बढ़ाएं। आत्मविश्वास विकसित करें -   जीवन के कुरुक्षेत्र में आधी लड़ाई तो आत्मविश्वास द्वारा ही लड़ी जाती है। यदि योग्यता के साथ आत्मविश्वास विकसित किया जाए तो करियर के कुरुक्

करे बॉस के भी बॉस बनने कि तैयारी

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बढ़ते वैश्‍विक बाजार ने युवाओं के लिए   रोजगार   के कई अवसर पैदा किए हैं। आज नामी कंपनियों के वरिष्‍ठ अधिकारी पहले से अधिक युवा हैं। उदाहरण के लिए आज से कुछ 15-20 साल पहले प्रसिद्ध कंपनियों के अधिकांश सीईओ 50 वर्ष से अधिक आयु वाले होते थे। आज परिवेश बदल रहा है, कंपनियों युवाओं को मौका दे रही हैं और आज बड़ी कंपनियों के सीईओ 35-40 वर्ष के युवा बन रहे हैं । हाल ही में भारतीय मूल के 42 वर्षीय सुंदर पिचाई को गूगल के सह-संस्‍थापक लेरी पेज द्वारा पदोन्‍नत किया गया है। सुंदर अब गूगल के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट हैं। वे एंड्राइड, क्रोम और एप्‍स के हेड हैं। इस तरह से युवा सीईओ को मौका देने से कंपनियों को युवा बाजार में बेहतरीन फायदा मिल रहा है, क्‍योंकि वे युवा उपभोक्ताओं की मांगों को ज्‍यादा बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। ये युवा आज अपने से उम्र और अनुभव में अधिक लोगों के सीनियर के तौर पर काम कर रहे हैं।   बहरहाल, इस तरह की बातें सुनकर शायद आपके मन में भी उत्‍सुकता जाग रही होगी कि अपने ऑफिस में ही प्रमोशन के लिए आप क्‍या कर सकते हैं? या आप ऐसा क्‍या करें कि आपको अपने वर्तमान सीनियर्

परीक्षा मे सफलता के मंत्र

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परीक्षा की घड़ी ऐसा समय होती है, जब बच्चे, बड़े हर कोई घबरा जाते है। छोटे बच्चों के लिए परीक्षा किसी हौआ से कम नहीं होती है। एक ओर माता-पिता की उनसे अपेक्षाएँ और दूसरी ओर उनका चंचल मन दोनों उनके लिए दुविधा का कारण बन जाता है। परीक्षा में जहाँ  तनाव  के कारण बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, वहीं दूसरी ओर बच्चों के लिए परीक्षा में अच्छे  अंक   लाना भी मजबूरी होती है। हम आपको बताते हैं कुछ ऐसी छोटी-छोटी बातें, जो परीक्षा में आपके बच्चे को सफल बनाने में सहायक हो सकती है। परीक्षा में सफलता के मंत्र : * सबसे पहले पढ़ाई करने के लिए एक  टाइम टेबल   बनाएँ और उसी के अनुसार अपनी पढ़ाई करें। * पढ़ाई करते वक्त एकाग्रता होना बहुत जरूरी होती है। इसके लिए सुबह जल्दी उठकर ध्यान करें, जिससे आपकी एकाग्रता बनी रहे। * हर रोज कोई टेस्ट पेपर बनाकर एक निर्धारित समय सीमा में उसको हल करने का प्रयास करें तथा उसके बाद अपनी उत्तरपुस्तिका को जाँचकर अपना मूल्यांकन स्वयं करें। * लगातार घंटों बैठकर पढ़ाई करने से बेहतर है कुछ समय एकाग्रचित्त होकर पढ़ाई की जाए। * पढ़ाई के बीच-बीच में दो

इंटरव्यू के कुछ टिप्स

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अगर ढेर सारी पढ़ाई करने के बावजूद आप अपने आपको और अर्जित ज्ञान को प्रस्तुत करना नहीं जानते तो, हो सकता है इंटरव्यू की कठिन दौड़ में पिछड़ जाएँ।ऐसे में कुछ साधारण, लेकिन महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखकर आप जंग जीत सकते हैं। उच्च शिक्षा और कड़ी प्रतियोगिता आधुनिक जीवन शैली के अहम भाग बन चुके हैं। शिक्षा में उत्तम योग्यता के साथ-साथ उसका प्रस्तुतीकरण भी अत्यंत अहम बन गया है।केवल परीक्षा में अच्छे अंक लाकर सर्टिफिकेट हासिल करना ही सफलता का मापदंड नहीं रह गया है, बल्कि इंटरव्यू में उसका व्यावहारिक प्रदर्शन भी अति आवश्यक हो गया है। आमतौर पर लिखित परीक्षा की तैयारी तो किताबों द्वारा करना आसान है, पर इंटरव्यू आपके व्यक्तित्व प्रदर्शन का जरिया है। इसलिए सचेत होकर अपने व्यक्तित्व को सँवारकर ही इस कसौटी पर उतरिए। इंटरव्यू में सफलता का प्रथम आधार आपकी संबंधित विषय की तैयारी है। संबंधित विषय का सारगर्भित और उत्तम ज्ञान ही वह प्रथम कुंजी है, जहाँ से सफलता की राहें खुलती हैं। कई बार अच्छा आत्मविश्वास भी इंटरव्यू लेने वालों को आकर्षित करता है। पर बिना ज्ञान केवल आत्मविश्वास या अ

ऐसे बढाये सफलता कि तरफ कदम

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जीवन में आगे बढ़ने हेतु व्यक्ति निरंतर प्रयासरत रहता है। सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। इसे प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को निरंतर मेहनत करनी ही होती है। किसी मुकाम पर पहुंचने के लिए व्यक्ति को अपनी मंजिल का भी पता होना चाहिए। इसके बगैर किया गया प्रयास व्यक्ति को असफलता की ओर ही ले जाता है। जीवन में सफल होने के कुछ टिप्स:- एकाग्रता बढ़ाएं :  सफल होने के लिए एकाग्रता का होना जरूरी है। एकाग्रता यानी ‍‍किसी भी एक ही विषय-विशेष पर पूर्ण ध्यान दिया जाना। किसी ‍व्यक्ति को तब तक सफलता नहीं मिल सकती, जब‍ तक कि वह एकाग्र न हो। बिना रुचि के एकाग्र होना काफी मुश्किल है। समय का महत्व समझें :  सफलता प्राप्ति में समय का काफी महत्व है। जिसने समय के महत्व को जान लिया उसने सब कुछ पा लिया। अत: किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति हेतु समय-प्रबंधन (Time management)जरूर करें। किसी विद्वान ने ठीक ही कहा है कि 'मैंने समय को खोया, समय ने मुझे'। इसी से पता चलता है कि समय कितना कीमती है। यह भी कहा गया है कि समय ही सोना (Gold)है अत: समय को बरबाद न करें। अपनी शक्ति-सामर्थ्य का पता करें :  अपनी शक्ति-स

कैरियर की शुरुआत, उंचे वेतन के साथ

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ऊंचे ओहदे और वेतन के लिए कई साल तक काम करने की बजाय कुछ लोग ऐसी डिग्रियां लेना पसंद करते हैं,  जिससे उन्हें नौकरी शुरू करते ही अच्छा वेतन प्राप्त होने लगे। यहां कुछ ऐसी नौकरियों के बारे में बता रहे हैं,  जिनमें शुरुआत से ही बहुत अच्छा वेतन मिलता है और कुछ ऐसे क्षेत्रों की जानकारी दे रहे हैं,  जो वेतन के लिहाज से सबसे अच्छे माने जाते हैं। उच्च आयवर्ग वाली नौकरियां इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ये इलेक्ट्रिक उत्पादों को डिजाइन करने के साथ-साथ उनका परीक्षण,  मरम्मत और परिवर्धन करते हैं। पेट्रोलियम इंजीनियर ये जमीन के अंदर से प्राकृतिक गैस और कच्चा तेल निकालते हैं। कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर इनका काम कंप्यूटर हार्डवेयर पर रिसर्च व डिजाइन तैयार करना तथा उन्हें विकसित व अपग्रेड करना है। इनवेस्टमेंट बैंकर परामर्श के साथ व्यवसायों व निवेशकों के बीच लिंक बनाने का काम करते हैं। इकोनॉमिस्ट ये वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए संसाधनों के वितरण का अध्ययन करते हैं। कंप्यूटर प्रोग्रामर प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज से प्रोग्राम को रिपेयर, अपडेट व संशोधित करते हैं। म

पॉच लाजवाब तरिके, बॉस रहेंगे खुश

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तरक्की की राह में आपकी प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन के साथ ही जो चीज सबसे अहम है,  वो है अपने सीनियर यानी बॉस को सदा खुश रखने का हुनर। इसके लिए आपको चमचागिरी नहीं,  बल्कि ऑफिस के सही तौर-तरीके आने चाहिए। यहां दिए जा रहे पांच टिप्स को अपना कर आप वर्कप्लेस पर अपनी पकड़ मजबूत बना सकते हैं। बता रहे हैं  विजय मिश्र सीखिए समय प्रबंधन काम पूरा करने से ज्यादा जरूरी है काम को समय पर या समय से पहले पूरा करना। दिमाग पर जोर लगा कर देखिए,  उस वक्त आपके दिलो-दिमाग पर क्या बीतती है,  जब तय समय के भीतर आपको कोई विशेष प्रोजेक्ट ऑफिस में देना हो और आपकी कैब निर्धारित समय से लेट हो जाए। ऐसे वक्त में आपकी तिलमिलाहट बढ़ जाती है। आप भले ही ड्राइवर को कुछ न कहें,  लेकिन दिन भर उसे समय पर न आने के लिए कोसते तो रहते ही हैं। ठीक ऐसा ही आपके बॉस के साथ भी होता है,  जब आप तय समय पर प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पाते। इसलिए बॉस की नजर में अपनी अच्छी छवि बनाए रखने के लिए समय पर काम पूरा करने की आदत डालें। ये तभी संभव है,  जब आपने ऑफिस के निर्धारित समय से थोड़ा पहले पहुंचने की आदत विकसित कर ली हो। टाइम मैनेजमेंट के

कैसे करे कमाई मोटिवेशनल स्पीकर बनकर

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अगर आप अपनी बातों से लोगों को प्रेरित कर सकते हैं तो मोटिवेशनल स्पीकर बनने की दिशा में कदम बढ़ाएं। इस नए और उभरते फील्ड में करियर कैसे संवारें बता रहे हैं पंकज घिल्डियाल दरअसल बातों में जादू सा असर पैदा करने की क्षमता कुछ में गिफ्टेड होती है तो कुछ जरूरी स्किल्स की मदद इसे विकसित भी करते हैं। यह न सिर्फ एक मजेदार करियर है, बल्कि दूसरे को प्रेरित करना भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं है। इस पेशे की अनेक खूबियों में एक यह है कि इसमें एक जगह बैठ कर काम करने की बंदिश नहीं है, वहीं दूसरी ओर की गई मेहनत का रिटर्न भी आकर्षक होता है। यहां न सिर्फ लोगों के बीच आपकी पहचान बनती है, बल्कि लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आपकी ओर उम्मीद भरी निगाहों से भी देखते हैं।  मोटिवेशनल स्पीकर की जरूरत क्यों 10-15 साल पहले मोटिवेशनल स्पीकर नाम की चीज नहीं थी। इस बीच ऐसा क्या हुआ कि जिन लोगों ने इसे करियर बनाया, वे एक दिन में ही लाखों कमाने लगे? वजह है स्ट्रेस। अब लोगों की जिंदगी में तनाव बढ़ गया है। काम करने के घंटे बढ़ गए हैं। पैसे कमाने की होड़ लगी है। हमने टेक्नीक को इतना बड़ा बना दिया है कि लोग जिंदादिली

आत्मविश्वास है जहा , सफलता है वहा

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दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने जीवन में संघर्ष न किया हो। संघर्ष का दौर ही हमारे अंदर छिपे आत्मविश्वास अर्थात कांफीडैंस को सामने लाता है। कुछ लोग इसे पहचान कर बाधाओं को पार कर जाते हैं तो कुछ इसी उधेड़बुन में फंसे रह जाते हैं कि आगे कैसे बढ़ें और वहीं रुके रह जाते हैं। मुश्किल दौर में आत्मविश्वास को पहचानने वाला व्यक्ति ही सही मायनों में जिंदगी जीना जानता है। आप में कितना कांफीडैंस है यह जानने के लिए आत्म विश्लेषण करना जरूरी है और यदि कहीं कमी लगे तो उसे समय रहते ही दूर कर लें... खुद का पक्ष लें यदि आपके सहकर्मी या घर के अन्य सदस्य हर काम आप पर डाल कर निश्चित हो जाते हैं और आप बिना कुछ कहे चुपचाप उसे पूरा करने में लगी रहती हैं तो इसका अर्थ यह हुआ कि आप अपने लिए स्टैंड लेना नहीं जानतीं।यह स्वभाव भी आपके कांफीडैंस को कम करने का काम करता है।दूसरों की मदद करना आपकी अच्छाई दर्शाता है लेकिन खुद का नुक्सान करना या अपने लिए आवाज न उठाना एक तरह का अवगुण है जिससे छुटकारा पाना बेहद जरूरी है।जब तक आप न कहने की कला नहीं सीखेंगी, तब तक सैल्फ कांफीडैंस से दूर ही रहेंगी। संकोच न कर