भारत के बारह राष्ट्रपती
डा राजेन्द्र प्रसाद : - कार्यकाल २६ जनवरी १९५० से १३ मई १९६२
३दिसंबर १८८४ को बिहार के सारन जिले के एक संभ्रांत कायस्थ परिवार में जन्मे राजेन्द्र बाबू वकालत छोड़ कर गांधी जी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम में कूदपड़े। आज़ादी की लड़ाई में उनको कई बार जेल की यात्रा करनी पड़ी। वे भारत के एकमात्र राष्ट्रपति हैं जिन्होंने दो कार्य-कालों तक राष्ट्रपति पद पर कार्य किया।
(2) डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन : -कार्यकाल १३ मई १९६२ से १३ मई १९६७
दक्षिण भारतीय तमिल ब्राह्मण परिवार में जन्मे राधाकृष्णन एक उच्च दर्शन शास्त्री एवं प्रतिभाशाली विद्वान तथा प्रख्यात लेखक के रूप में प्रतिष्ठित थे। इनके जन्मदिवस ५ सितंबर को 'अध्यापक दिवस' के रूप में भारतीय विद्यालयों में आज भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। आपको अनेक भारतीय एवं विदेशी विश्वविद्यालयोंद्वारा मानद उपाधियों से विभूषित किया गया था।...
(3) डा. ज़ाकिर हुसैन : - कार्यकाल १३ मई १९६७ से ३ मई १९६९
इनका जन्म उत्तर-प्रदेश के धनाढ्य पठान परिवार में हुआ था। केवल 23 वर्ष की अवस्था में वे जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय कीस्थापना दल के सदस्य बने। वेअर्थशास्त्र में पीएच. डी कीडिग्री के लिए जर्मनी के बर्लिन विश्वविद्यालय गए औरलौट कर जामिया के उप कुलपति के पद पर भी आसीन हुए। १९६९ में असमय देहावसान के कारण वे अपना राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।
(4)वाराह गिरि वेंकट गिरि : - कार्यकाल ३ मई १९६९ से २४ अगस्त १९७४
10 अगस्त 1894 में जन्मे श्रमिक संघी गिरि का जन्म उड़ीसा प्रान्त में हुआ, उच्च शिक्षा हेतु वे डबलिन विश्वविद्यालय गए। वे श्रीलंका में भारत के राजदूत तथा उत्तर प्रदेश, केरल और तत्कालीन मैसूर के राज्यपाल भी रहे। प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी अपने राष्ट्रीयकरण कीउदारवादी नीतियों के समर्थनके लिए उन्हें राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में लाईं।
(5)फ़ख़रूद्दीन अली अहमद : - कार्यकाल २४ अगस्त १९७४ से ११ फ़रवरी १९७७
दिल्ली के धनी परिवार में जन्मे फ़ख़रूद्दीन अली अहमदकी शिक्षा इंग्लैंड में हुई थी। इनकी गणना कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में की जाती थी। सन १९७४ में वे उस समय राष्ट्रपति बने, जब समूचा देश इंदिरा गांधी की नीतियों का विरोध कर रहा था, ऐसे समय में प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के सुझाव से १९७५ में आंतरिक आपात स्थिति की घोषणा के कारण इनका कार्यकाल काफी अलोकप्रिय रहा। १९७७ में अचानक हृदयगति रुक जाने के कारण इनका देहावसान हो गया।
(6) नीलम संजीव रेड्डी : - कार्यकाल २५ जुलाई १९७७ से २५ जुलाई १९८२
आंध्र प्रदेश के कृषक परिवार में जन्मे नीलम संजीव रेड्डी की छवि कवि, अनुभवी राजनेता एवं कुशल प्रशासक के रूप में थी। इनकासार्वजनिक जीवन उत्कृष्ट था। सन १९७७ के आम चुनाव में जब इंदिरा गांधी की पराजय हुई, उस समय नव-गठित राजनीतिक दल जनता पार्टी ने इनको राष्ट्रपति का प्रत्याशी बनाया। वे भारत के पहले गैर काँग्रेसी राष्ट्रपति थे।
(7) ज्ञानी जैल सिंह : - कार्यकाल २५ जुलाई १९८२ से २५ जुलाई १९८७
सिख धर्म के विद्वान पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके ज्ञानी जी अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति, सत्यनिष्ठा के राजनीतिक कठिन रास्तों को पार करते हुए १९८२ में भारत के गौरवमयी राष्ट्रपति के पद पर आसीन हुए। १९८७ तक के अपने कार्यकाल के दौरान इन्हें 'ब्लूस्टार आपरेशन' एवं इंदिरा गांधी की हत्या जैसी दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों से गुजरना पड़ा।
8)आर. वेंकटरमण : - कार्यकाल २५जुलाई १९८७ से २५ जुलाई १९९२
कानून के प्रकांड पंडित श्री आर वेंकट रमण दक्षिण भारतीय श्रमिक संघी थे। वे तमिलनाडु की राज्य सरकार में मंत्री रहे और १९८७ में राष्ट्रपति के पद पर आरूढ़ हुए। १९८९ के आम चुनाव मे किसी भी राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत न मिलने के कारण इन्होंने प्रधानमंत्रीके चुनाव में कठिन भूमिका कानिर्वहन किया।
(9)डा. शंकर दयाल शर्मा :- कार्यकाल २५ जुलाई १९९२ से २५ जुलाई १९९७
इनकी उच्च शिक्षा कैंब्रिज विश्वविद्यालय में हुई। वे प्रकांड विद्वान थे, आंध्र प्रदेश, पंजाब तथा महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर रहे, इन्हीं के कार्यकाल के बाजपेयी की १३ दिन की सरकार बनी थी। आपने कैंब्रिज विश्वविद्यालय मेंअध्यापन भी किया। विश्वविद्यालय ने आपको 'डाक्टर आफ ला' की मानद विभूति से अलंकृत किया था।
(10)कोच्चेरी रामण नारायणन :- कार्यकाल २५ जुलाई १९९७ से २५ जुलाई २००२
केरल में जन्मे के आर नारायणभारत के पहले दलित राष्ट्रपति थे। आपने त्रावणकोर विश्वविद्यालय सेअंग्रेज़ी में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के बाद"लंदन स्कूल आफ इकोनोमिक्स" में अर्थशास्त्र का अध्ययन किया। आपकी गणना भारत के कुशल राजनीतिज्ञों में की जाती है। आपका कार्यकाल भारत की राजनीति में गुजरने वाली विभिन्न अस्थिर परिस्थितियों के कारण अत्यंत पेचीदा रहा।
(11)अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम:- कार्यकाल 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007
15 अक्तूबर, 1931, रामेश्वरम, तमिलनाडु में जन्मे अब्दुल कलाम ने 1958 में मद्रास इंस्टीट्यूट आफ टेकनालजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में आये। रोहिणी उपग्रह के सफल प्रक्षेपण, अग्नि व पृथ्वी मिसाइल के निर्माण तथा पोखरण के परमाणु परीक्षण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिकामानी जाती है।
(12)प्रतिभा पाटिल 25 जुलाई 2007 से
19 दिसंबर 1934 को महाराष्ट्र के जलगांव जिले में जन्मी प्रतिभा देवीसिंहपाटिल ने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कालेज से कानून की पढाई की। वे टेबल टेनिस की अच्छी खिलाड़ी थीं। महाराष्ट्र सरकार में वे राज्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री रहीं। 1986 में वे राज्यसभा की उपसभापति, 1989-1990 में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस की प्रमुख तथा 2004 में राजस्थान की राज्यपाल बनीं। 25 जुलाई 2007 को वे भारत की राष्ट्रपति चुनी गईं।
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