कैसे प्राप्त करें खुशी kaise prapt karai khushi

वर्तमान युग में हर मनुष्य धन इकट्ठा करने की दौड़ में शामिल हो गया है। वह सिर्फ सांसारिक सुख खोजने में लगा है। भौतिक वस्तुएं एकत्रित करने में जुटा है। हर मनुष्य यही सोचता है कि थोड़ा अच्छा धन इकट्ठा कर लूं। अपने व्यापार को आगे बढ़ा लूं, फिर मेरे पास सबकुछ होगा।
वह मानता है कि परमात्मा को तो कभी भी प्राप्त किया जा सकता है, आज मैंअपनी सारी दुनिया भर की जरूरते पूरी कर लूं। फिर भगवान को भी मना लूंगा, लेकिन वह इस बात की तरफ ध्यान ही नहीं देना चाहता कि ऐसा करते-करते ही एक दिन बूढ़ा हो जाएगा, उसका शरीर, तन-मन सबकुछ साथ छोड़ने लगेगा। तब वह भगवान को पानेलायक भी नहीं रह पाएगा।
आज का मनुष्य धन जोड़ने के चक्कर में जिस भगवान को पाकर सब कुछ पाया जा सकता है, उसे छोड़ता जा रहा है और जिस धन को पाकर इंसान सब कुछ खो देता है उसको इकट्ठा करने में लग गया है।
लेकिनकुछ ऐसा भी हैं जिनको अपनाकर आपअपनी खुशियों को कायम रखते हुएईश्वर को पा सकते है।
* जीवन में कभी भी खुद की खुशी के लिए माता-पिता को दुखी न करें।
* धन के पीछे न भागकर अपने परिवार व बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय गुजारें।
* खुशी पाने के लिए यह न सोचें कि लोग क्या कहेंगे? जो आपके मन में हैं, वही करें।
* निरंतर ईश्वर की प्रार्थना करते रहें। प्रार्थना करने से तनाव कम होता है। नकारात्मक विचार अपने आप दूर चले जाते है।
* अगर मन में आस्था है तो ईश्वर मदद करता है, जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है।
* देने में बहुत खुशी मिलती है। इसलिए देने की आदत डालें। गरीब, असहाय लोगों की सहायता करें।..                                                                                                                                                                                        







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