कैसे करे कमाई मोटिवेशनल स्पीकर बनकर


अगर आप अपनी बातों से लोगों को प्रेरित कर सकते हैं तो मोटिवेशनल स्पीकर बनने की दिशा में कदम बढ़ाएं। इस नए और उभरते फील्ड में करियर कैसे संवारें बता रहे हैं पंकज घिल्डियाल
दरअसल बातों में जादू सा असर पैदा करने की क्षमता कुछ में गिफ्टेड होती है तो कुछ जरूरी स्किल्स की मदद इसे विकसित भी करते हैं। यह न सिर्फ एक मजेदार करियर है, बल्कि दूसरे को प्रेरित करना भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं है। इस पेशे की अनेक खूबियों में एक यह है कि इसमें एक जगह बैठ कर काम करने की बंदिश नहीं है, वहीं दूसरी ओर की गई मेहनत का रिटर्न भी आकर्षक होता है। यहां न सिर्फ लोगों के बीच आपकी पहचान बनती है, बल्कि लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आपकी ओर उम्मीद भरी निगाहों से भी देखते हैं। 
मोटिवेशनल स्पीकर की जरूरत क्यों
10-15 साल पहले मोटिवेशनल स्पीकर नाम की चीज नहीं थी। इस बीच ऐसा क्या हुआ कि जिन लोगों ने इसे करियर बनाया, वे एक दिन में ही लाखों कमाने लगे? वजह है स्ट्रेस। अब लोगों की जिंदगी में तनाव बढ़ गया है। काम करने के घंटे बढ़ गए हैं। पैसे कमाने की होड़ लगी है। हमने टेक्नीक को इतना बड़ा बना दिया है कि लोग जिंदादिली भूल गए हैं। 
कार्य
मोटिवेशनल स्पीकर्स कुछ भी शुरू करने से पहले लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। इसके बाद ही वे उन्हें प्रेरित करने की शुरुआत करते हैं। इसके लिए आपको अच्छे-खासे होमवर्क की जरूरत पड़ती है। प्रेरित करते हुए महान लोगों की बातों के उदाहरण के साथ प्रस्तुतीकरण से कही हुई बात को समझाना आसान रहता है। कैसे उन लोगों ने शून्य से शुरू कर बड़ी-बड़ी उपलब्धियां अर्जित कीं। यानी आपकी बातें ऐसी होनी चाहिए कि लोग उनसे खुद को जोड़ सकें, उनसे प्रेरित हो सकें, अपने लिए लक्ष्य निर्धारित कर सकें, खुद में बदलाव ला सकें, अपनी समस्याएं हल कर सकें और सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़ सकें। आपकी सफलता या असफलता उस ऑडियंस पर निर्भर करती है, जिसे आप प्रेरित कर रहे हैं। यदि आप लोगों में बातों से जोश भर देते हैं तो यकीन मानें आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। बातें करने के लिए आपके पास जानकारी का खजाना होना चाहिए। इसके लिए आपको समाज, स्थान और देश-प्रदेश के लोगों के कल्चर, लाइफ स्टाइल आदि के बारे में जानकारी रखनी होगी।
कोर्सेज
कुछ मैनेजमेंट स्कूल्स में स्पीकिंग पावर पर काम करवाया जाता है। इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि आप मोटिवेशनल स्पीकर बनने के लिए मैनेजमेंट कोर्स करें ही। इस करियर की जरूरत को ध्यान में रखते हुए मजबूत इच्छाशक्ति और पॉजिटिव सोच बनाएं। यह ऐसा फील्ड है, जिसमें आप भिन्न-भिन्न क्षेत्रों के लोगों को अपनी सेवाएं दे सकते हैं। इसलिए आप अपनी तैयारी के रूप में जितने ज्यादा क्षेत्रों के बारे में संभव हो, अपनी जानकारी बढ़ाएं। तभी तो आप उन लोगों को आगे बढ़ने, पैसे कमाने और नैतिक रूप से सबल होने के लिए प्रेरित कर सकेंगे।
स्किल्स
लिखने व बोलने का अभ्यास: इसे करियर के रूप में अपनाने से पहले जानें कि क्या आप में लिखने की क्षमता है। अगर नहीं तो अभ्यास करें। सिर्फ लिखने की ही नहीं, बल्कि कुछ ऐसा लिखने की ताकत कि आपकी कलम लोगों पर छाप छोड़ सके, और इसे आप अभ्यास से ही हासिल कर सकते हैं। लिखने से आप अपने विचारों को क्रमबद्ध करना सीखते हैं और साथ ही लिखने से सोचने की क्षमता भी विकसित होती है। आज बहुत सी ऐसी वेबसाइट्स हैं, जो आपको इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करती हैं। इनकी मदद से प्रभावशाली स्पीच का लगातार अभ्यास करें। अगर आपने इसमें रुचि लेना शुरू कर दिया तो वह दिन दूर नहीं जब आप अपने रास्ते पर बढ़ना सीख चुके होंगे।
बातों में नयापन हो: ध्यान रहे, आपकी बातों में नयापन होना बेहद जरूरी है। तभी लोग भी आपको सुनेंगे। मोटिवेशनल स्पीकर में उत्साह, विश्वसनीयता, आत्मविश्वास जैसे गुण भरे हुए होने चाहिए। स्टेज में या कहीं भीड़ में नए स्पीकर का कुछ नर्वस होना सामान्य बात है। अभ्यास से ही आप इस डर को दूर भगा सकते हैं और इस कला में पारांगत भी हो सकते हैं। देश में बहुत सारे ऐसे संस्थान हैं, जो स्पीकिंग स्किल डेवेलपमेंट पर काम करते हैं। आप इनकी मदद ले सकते हैं।
जानकारी बढ़ाएं: नॉलेज बहुत जरूरी है। इसके लिए फिलॉस्फी से लेकर ल्रिटेचर तक हर तरह की किताबें पढ़नी चाहिए। करेंट अफेयर्स से भी खुद को अपडेट रखना चाहिए। कई बार बेमतलब के सवाल भी किए जाते हैं। उनका जवाब देने के लिए नॉलेज और कॉन्फिडेंस होना बहुत जरूरी है। ये सारी खूबियां तो एक प्रोफेसर या थिंकर में भी हो सकती हैं? हां, लेकिन दूसरों को मोटिवेट करने के लिए उसे खुद भी मोटिवेटेड होना चाहिए। ‘मैं नहीं कर सका तो आप करें’ वाला एटीटय़ूड नहीं चलेगा। एक मोटिवेटर को अपने फील्ड में सफल होना चाहिए। नंबर वन से कम तो कुछ नहीं चलेगा। इसके अलावा, लोगों से प्यार करने वाला हो, उसे दोस्त बनाने का शौक हो और चुप न बैठता हो।
शब्दों का हो भंडार: मोटिवेशनल स्पीकर का एकमात्र मकसद लोगों को नई संभावनाओं एवं लक्ष्यों के प्रति आकर्षित करना तथा उसे पूरा करने के लिए उनमें ऊर्जा भरना है। सफल स्पीकर यह जानता है कि उसकी स्पीच कैसे लोगों की जिंदगी को बदल सकती है। यदि लोग स्पीच में रुचि नहीं दर्शा रहे हैं तो इसका मतलब, उन्हें आपके शब्दों पर भरोसा नहीं है। एक्सपर्ट लोग अपनी स्पीच की शुरुआत ही ऐसे शब्दों से करते हैं कि श्रोता उन्हें नकार न सकें, क्योंकि सफलता श्रोता के फीडबैक पर आधारित है। मोटिवेशनल स्पीकर बनने के यह भी जरूरी है कि आप एक सामाजिक व्यक्ति हों। फील्ड में सही दिशा-निर्देश एवं प्रशिक्षण भी आपको काफी हद तक सफल बना सकता है।
अवसर
आजकल बहुत सी कंपनियां, एजेंसियां, एनजीओ, मैनेजमेंट सहित अन्य दूसरे स्कूल-कॉलेज मोटिवेशनल स्पीकर को नियुक्त करने लगे हैं। इसके अलावा कुछ खास कार्यक्रमों में भी मोटिवेशनल स्पीकर्स को आंमत्रित किया जाता है। स्पीकर ब्यूरो भी आपको रोजगार दिलाने में मददगार होते हैं। ये ब्यूरो तय राशि के बदले आपके लिए काम ढूंढ़ते हैं। आप अपने आर्टिकल किसी वेबसाइट, न्यूजपेपर या मैगजीन आदि में भी दे सकते हैं। इससे भी आपके हुनर को पहचान मिलेगी और आपके लिए आगे बढ़ने के रास्ते बनेंगे। इसके आलावा आप किसी भी स्थापित स्पीकर की टीम का हिस्सा बन सकते हैं। यहां न सिर्फ काम का मेहनताना मिलेगा, बल्कि अनुभव के बाद आप खुद का वेंचर भी बना सकते हैं।
आमदनी
मोटिवेशनल स्पीकर की शुरुआत या तो एक परामर्शदाता के रूप में होती है अथवा एक फैकल्टी के रूप में, जो लीडरशिप व मोटिवेशन में क्लासेज लेते हों। इनकी आमदनी कम से कम 40-50 हजार से शुरू होकर लाखों में होती है। यदि किसी स्पीकर की कोई पुस्तक नाम कमा लेती है अथवा वह अपने दम पर कोई बड़ा काम कर जाता है तो इसकी डिमांड और बढ़ जाती है।
मशहूर व्यक्ति
ब्रायन ट्रेसी, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, जिग जिगलर, रॉबर्ट कियोस्की, रोबिन शर्मा, संजय सिंह बघेल, पॉल रोबिनसन, शिव खेड़ा, नासिर खान, आकाश गौतम, विजय बत्रा आदि।
एक्सपर्ट्स व्यू
स्वयं के गुरु बन कर ही इस प्रोफेशन में मिलेगी कामयाबी
मोटिवेशनल स्पीकर का प्रोफेशन स्वयं के आत्मचिंतन से प्रारंभ होता है। यदि कोई सोचता है कि मैं स्वयं का गुरु हो सकता हूं, और जो भी मैं कर रहा हूं, वह जरूर दूसरे को प्रेरणा देगा तो आप मोटिवेशनल गुरु बनने की सोच सकते हैं। यदि किसी में एक विद्यार्थी की तरह लगातार सीखने की ललक और जिज्ञासा सदैव बरकरार रहती है तो आप एक अच्छे मोटिवेशनल स्पीकर बन सकते हैं। मोटिवेशनल स्पीकर बनने के लिए जो सबसे जरूरी योग्यता मेरी नजर में है, वह यह कि एक मोटिवेशनल स्पीकर को बहुत पढ़ाकू होना चाहिए। लगभग सभी क्षेत्रों का ज्ञान उसे होना चाहिए। साथ ही साथ यदि किसी व्यक्ति का जीवन स्वयं बहुत संघर्षमय रहा है और वह उससे निकल कर एक सफल जिन्दगी जी रहा है तो इससे बड़ा अनुभव एक मोटिवेशनल स्पीकर के लिए कोई हो ही नहीं सकता। यद्यपि इसके लिए किसी बड़ी शैक्षणिक योग्यता और डिग्री की जरूरत नहीं होती, लेकिन स्व-अध्ययन बहुत ही उपयोगी है। खासकर सफल व्यक्तियों की सक्सेस स्टोरीज और आत्म कथाओं का अध्ययन। मोटिवेशनल स्पीकर का करियर चुनने वाले लोगों के लिए मेरी यही सलाह है कि सबसे पहले तो आप अपने ऑडियंस की नब्ज को पहचानना सीखिए। फिर एक ऐसी सम्प्रेषण क्षमता का विकास स्वयं के भीतर करें, जो समय, स्थान और ऑडियंस के अनुकूल हो। दूसरे शब्दों में कहें तो अपने श्रोता के मनोविज्ञान को समझना इसकी पहली शर्त है। वर्तमान समय को देख कर मैं कह सकता हूं कि जिस तरह से दुनिया जटिल और तीव्र होती जा रही है और नित नए अवसर पैदा हो रहे हैं, ऐसे समय में मोटिवेशनल स्पीकर की मांग बढ़ेगी।
-डॉ. संजय सिंह बघेल, 
(मोटिवेशनल स्पीकर एवं ट्रेनर)
प्रमुख संस्थान
मोटिवेशनल स्पीकर सरीखा गुर सीखने का सबसे अच्छा जरिया वर्कशॉप होते हैं। ऐसे कई स्पीकर हैं जो वर्कशॉप के रूप में लोगों को ट्रेंड बनाते हैं। इस क्षेत्र में कुछ संस्थान भी हैं-
फोर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट
बी-18, कुतुब इंडस्ट्रियल एरिया, नई दिल्ली-110016,
वेबसाइट: www.fsm.ac.in
टाई हावार्ड मोटिवेशनल स्पीकर ट्रेनिंग स्कूल
बाल्टीमोर, मेरीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका,
वेबसाइट: tyhowardseminars.com


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