आत्मविश्वास है जहा , सफलता है वहा
दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने जीवन में संघर्ष न किया हो। संघर्ष का दौर ही हमारे अंदर छिपे आत्मविश्वास अर्थात कांफीडैंस को सामने लाता है। कुछ लोग इसे पहचान कर बाधाओं को पार कर जाते हैं तो कुछ इसी उधेड़बुन में फंसे रह जाते हैं कि आगे कैसे बढ़ें और वहीं रुके रह जाते हैं। मुश्किल दौर में आत्मविश्वास को पहचानने वाला व्यक्ति ही सही मायनों में जिंदगी जीना जानता है। आप में कितना कांफीडैंस है यह जानने के लिए आत्म विश्लेषण करना जरूरी है और यदि कहीं कमी लगे तो उसे समय रहते ही दूर कर लें...
खुद का पक्ष लें
यदि आपके सहकर्मी या घर के अन्य सदस्य हर काम आप पर डाल कर निश्चित हो जाते हैं और आप बिना कुछ कहे चुपचाप उसे पूरा करने में लगी रहती हैं तो इसका अर्थ यह हुआ कि आप अपने लिए स्टैंड लेना नहीं जानतीं।यह स्वभाव भी आपके कांफीडैंस को कम करने का काम करता है।दूसरों की मदद करना आपकी अच्छाई दर्शाता है लेकिन खुद का नुक्सान करना या अपने लिए आवाज न उठाना एक तरह का अवगुण है जिससे छुटकारा पाना बेहद जरूरी है।जब तक आप न कहने की कला नहीं सीखेंगी, तब तक सैल्फ कांफीडैंस से दूर ही रहेंगी।
यदि आपके सहकर्मी या घर के अन्य सदस्य हर काम आप पर डाल कर निश्चित हो जाते हैं और आप बिना कुछ कहे चुपचाप उसे पूरा करने में लगी रहती हैं तो इसका अर्थ यह हुआ कि आप अपने लिए स्टैंड लेना नहीं जानतीं।यह स्वभाव भी आपके कांफीडैंस को कम करने का काम करता है।दूसरों की मदद करना आपकी अच्छाई दर्शाता है लेकिन खुद का नुक्सान करना या अपने लिए आवाज न उठाना एक तरह का अवगुण है जिससे छुटकारा पाना बेहद जरूरी है।जब तक आप न कहने की कला नहीं सीखेंगी, तब तक सैल्फ कांफीडैंस से दूर ही रहेंगी।
संकोच न करें
आप अपने काम में निपुण हैं और वक्त की पाबंद भी हैं लेकिन अपने सहकर्मियों से बातचीत करने से कतराती हैं, किसी से घुलने-मिलने में डरती हैं और मदद मांगने से पहले कई बार सोचती हैं तो आप अपने कांफीडैंस को काफी हद तक स्वयं ही कम कर देती हैं।सफलता पाने के लिए अपने काम में निपुण होना जितना जरूरी है उतना ही आवश्यक है दूसरों के साथ अच्छा तालमेल बना कर रखना। संकोची व्यक्ति के बारे में अक्सर लोग नकारात्मक सोचते हैं और उससे दूरी बना कर रखते हैं जबकि कांफीडैंस बनाए रखने के लिए लोगों का साथ जरूरी है।
आप अपने काम में निपुण हैं और वक्त की पाबंद भी हैं लेकिन अपने सहकर्मियों से बातचीत करने से कतराती हैं, किसी से घुलने-मिलने में डरती हैं और मदद मांगने से पहले कई बार सोचती हैं तो आप अपने कांफीडैंस को काफी हद तक स्वयं ही कम कर देती हैं।सफलता पाने के लिए अपने काम में निपुण होना जितना जरूरी है उतना ही आवश्यक है दूसरों के साथ अच्छा तालमेल बना कर रखना। संकोची व्यक्ति के बारे में अक्सर लोग नकारात्मक सोचते हैं और उससे दूरी बना कर रखते हैं जबकि कांफीडैंस बनाए रखने के लिए लोगों का साथ जरूरी है।
किसी से डरे बिना आगे बढ़े
वैसे तो आप सबसे अच्छी तरह पेश आती हैं और सभी कामों को अच्छी तरह करना भी जानती हैं लेकिन जब कोई काम अकेले करना होता है या जिम्मेदारी लेनी होती है तो आगे बढऩे से डरती हैं। बात-बात पर दूसरों से मदद के लिए कहती हैं या फिर हर काम पूछ-पूछ कर करती हैं।
यह आदत दर्शाती है कि आपका कांफीडैंस लैवल काफी कम है। कई काम आने के बावजूद उन्हें अकेले अपने दम पर न कर पाना आपके अवगुणों में आता है। ऐसे लोगों को हर कोई संशय की नजर से देखता है और महत्वपूर्ण काम कहने से डरता है जबकि आगे बढऩे के लिए खुद को साबित करना जरूरी है।
वैसे तो आप सबसे अच्छी तरह पेश आती हैं और सभी कामों को अच्छी तरह करना भी जानती हैं लेकिन जब कोई काम अकेले करना होता है या जिम्मेदारी लेनी होती है तो आगे बढऩे से डरती हैं। बात-बात पर दूसरों से मदद के लिए कहती हैं या फिर हर काम पूछ-पूछ कर करती हैं।
यह आदत दर्शाती है कि आपका कांफीडैंस लैवल काफी कम है। कई काम आने के बावजूद उन्हें अकेले अपने दम पर न कर पाना आपके अवगुणों में आता है। ऐसे लोगों को हर कोई संशय की नजर से देखता है और महत्वपूर्ण काम कहने से डरता है जबकि आगे बढऩे के लिए खुद को साबित करना जरूरी है।
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