बेटे ने जॉब के खातिर घर ही छोड़ा था , लेकिन जॉब लगने के बाद शादी हुई, और शादी होने के बाद उसने घर के साथ साथ , रिश्ते भी छोड़ दिए थे , जिन रिश्तों ने उसे जन्म दिया था , वो अब उसकी जिन्दगी में कोई मायने नहीं रखते थे | लेकिन आज बेटे ने माँ से फ़ोन पर लगभग आधा घंटा बात करी , बेटे के साथ साथ उसकी बहु ने उसके पोते पोतियों ने भी | माँ की अचरज का कोई ठिकाना ना रहा , पोता बड़े प्यार से कह रहा था , दादी आप यहाँ आओ ना हमारे साथ रहने, .. आज ऐसा महसूस हो रहा था उस बूढी माँ को , जैसे कानों में मिश्री घोल दी हो किसी ने | उसने अपने पति से कहा , अजी सुनते हो चलिए ना कुछ दिन बेटे के घर हो आते है , अभी उसके बच्चों की छुटियाँ भी है , तो उन्हें भी DISTURB नहीं होगा , और वो बुजुर्ग दंपत्ति अगले दिन की ट्रेन पकड़ कर जा पहुंचा बेटे के घर| सभी जने उनकी , आवभगत में लगे हुए थे , माँ को बेटे बहु की इतनी साफगोई, अटपटी सी लग रही थी , और रात होतें होते , सुबह के उजालों के पीछे का अँधेरा साफ़ दिखाई देने लगा , बेटे ने माँ से कहा, माँ गाँव का अपना मकान और दुकान बेच दो , एक करोड़ से ऊपर की संपत्ति है , वो ...