ऑनलाइन विरासत online virasat, आप भी बनाये सोसल साइटो की डिजिटल वसीयत

ऑनलाइन विरासत बचाती डिजिटल विल इंटरनेट से पहले के दिनों में किसी की मृत्यु के बाद उसकी चीजों का बंटवारा एक सामान्य काम था। भौतिक वस्तुओं की लिस्ट बनाना और एक या एक से ज्यादा उत्तराधिकारियों को सौंप देना। डिजिटल युग में यह मामला थोड़ा पेचीदा भी हो गया है। ज्यादा से ज्यादा लोगों की उपस्थिति भौतिक ही नही बल्कि आभासी भी हो गई है। आभासी जगत में भी लोगों का काम फैला है और यह समझने में परेशानी हो रही है कि उनके संसार से जाने के बाद इंटरनेट पर छोड़ी गई उनकी चीजों का क्या होगा? यहां से कौन बटोरे फेसबुक प्रोफाइल, ट्विटर एकाउंट, वेब पर फोटो लाइब्रेरी, पर्सनल डॉक्यूमेंट और ऑनलाइन फाइनेंशियल एकाउंट्स, ई - मेल के दर्जनों यूजर- नेम और पासवर्ड को अगर कोई किसी को बताए बिना ही जहा से चला जाए तो इन सबका क्या होगा? जाहिर है, उन्हें बंद करने में वक्त लगेगा और तब तक उनका दुरुपयोग होने की आशंका भी बनी रहेगी क्योंकि उनका राज सिर्फ मरने वाले को ही पता था। सेवा में वेबसाइट्स इंटरनेट पर 'लेगसी लॉकर`, 'बेनेट्रेकर`, 'डिजिटलसेफ` जैसी कथ वेबसाइट्स ...